सोमवार, 15 जुलाई 2024

 


ईश्वर ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति को नारी के रूप में बड़ी शिद्दत से है बनाया,
अपनी बेमिसाल अद्भुत कृति को देख खुदा भी है खुद पर है बाखूब इतराया |

सृष्टि की जनक है नारी परिवार की धुरी है नारी खूबियाँ इसकी ब्रह्मा भी बखान न पाया,
बुद्धि,सौन्दर्य,ममता,विवेक,धैर्य सरोखे बेमिसाल गुणों का समावेश कर विधाता ने नारी को बनाया |

युग युगांतरों से है नारी ने अपनी कर्मठता, बुद्धिमत्ता का प्राचीन काल से है परचम लहराया,
नभ, जल, थल बचा ना धरा पर कोई दायरा जो है कदाचित नारी को बाँध पाया |

विश्व पटल पर सदैव ही नारी ने अपनी प्रतिभा का सर्वत्र ही लोहा है मनवाया,
धरती से आसमां तक की दूरी नाप नारी ने जगत में है स्वयं को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध कर दिखाया |

नारी ना रही कभी भी मर्दों से कम बस हमारे माशरे (समाज) ने उसको कमतर था मान लिया,
लक्ष्मीबाई,अहिल्याबाई सरोखी वीरांगनाओं ने यूँ ही नहीं इतिहास में स्वर्णांक्षरों में दर्ज़ा पाया |

आसमां में सुराख करने के जज़्बे को गर, मिल जाए खातूनों (औरतों) को मर्दजात का साथ,
जुमला होगा अब तैयार हर कामयाब नारी के पीछे जरूरी है एक बेहतर, खुशगवार,तरक्की पसंद मर्द का साथ |

रोशी अग्रवाल

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