सोमवार, 15 जुलाई 2024


बेटियों का भविष्य होता कितना अनिश्चित रहा सदा से
रजा दशरथ ने उच्चकुल में विधान पूर्वक विवाह रचाया बेटियों का
दारुड दुःख पाया बेटियों ने ,कोई कभी सोच भी ना था पाया
द्रुपद कन्या व्याही तो अर्जुन से ,पर पांच पतियों की व्याहता कहलाई
मां बाप लाड से पालते हैं अपने दिल के टुकड़े को पर भविष्य से रहते अनजान
भविष्य रहता अनिश्चित बेटियों का यह तो कोई बिरला भी ना जान पाया
--रोशी

कोई टिप्पणी नहीं:

  कुम्भ है देश विदेश सम्पूर्ण दुनिया में छाया असंख्य विदेशियों ने भी आकार अपना सिर है नवाया सनातन में अपना रुझान दिखाया ,श्रधा में अपना सिर ...