समझाने ,नेक सलाह देनें का पड़ता ना कोई फर्क सदेव
अहंकार ,जिद की होती उच्चतम पराकाष्ठा सदेव
कानों में ताले और आँखों में जाले हो जाते हैं सदेव
मन ने जो ठान लिया अटल होता निर्णय सदेव
हठ,जिद ही देती है खतरनाक अंजाम आखिर में सदेव
संतुलन होता अति आवश्यक जीवन में हर एक को सदेव
रोशी
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