अक्सर काँधे पे रखा हाथ ही पुरसुकून कर देता हमको
जज्बातों की गर्मी महसूस की जा सकती है देखकर सिर्फ आँखों को
जरूरी नहीं होता की मोहब्बत जताने के लिए तहरीर पड़ी जाए
आवाज़ ही जता देती है अपनेपन को,चाहत की गहरायी को गर ध्यान से सुना जाए
महसूस करने के वास्ते भी गहरी परख होती जरूरी सच्चे प्यार को
--रोशी
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