अक्सर कर जाते हैं चूक,तत्काल उठ खड़े होते हैं
एक दुसरे के अभिनय में गलतियाँ झट निकालते हैं
अगले पल कौन सा किरदार निभाना है नहीं जानते हैं
कितना अद्भुत और विचित्र है यह बहुरंगी रंगमंच ना कोई जान पाता है
कभी हंसाता है कभी रुलाता है ,नित नए रूपों से रूबरू कराता है
--रोशी
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