कुछ बेबकूफियों पर आती हंसी जो अब तक ना रोक पाते हैं
गिरना -सम्हलना ही है जिन्दगी पुरानी गलतियाँ ही हमको सिखाती हैं
सभी हैं चतुर और बुधिमान दुनिया में पर बड़े -बड़े धोखा खा जाते हैं
आगे बडने का नाम है जिन्दगी ,कामयाब इंसान गलतियाँ नहीं दोहराते हैं
नेक ,उम्दा नजरिया जीने का रखो रास्ते खुद बा खुद खुलते चले जाते हैं
--रोशी
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