वक़्त सही हो तो चींटी को भी पर निकल आते हैं ग्रहों की दश प्रतिकूल हो तो सब बनते काम बिगड़ जाते हैं
पेड़ पर धागा बांधने मात्र से सिद्ध होने लगते सारे काम
चुटकी की दवा कर दे देती मिनटों में भयंकर मर्ज़ को बेदम
वक़्त की महिमा बड़ी होती न्यारी ,राजा को रंक और रंक को दिलाती राजगद्दी
बच ना सका कोई इसके चक्रव्यूह से ,मिनटों में है धरती पर ला पटकती
--रोशी
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