सोमवार, 15 जुलाई 2024

 

 रोज़ डे ,वेलनटाइन डे बस कुछ एक दिन रह गए हैं प्रेम प्रदर्शन के आजकल                                                                  प्रेम भी सीमित होकर रह गया है बस कुछ दिवसों में युवा बर्ग के लिए आजकल
साल के बाकी दिवस बस यूँ ही भागदौड़,व्यस्तता में जाते हैं निकल आजकल
मोहब्बत जताने को भी अब किसी खास दिन की होती है जरूरत आजकल
पत्नी ,बच्चे माँ बाप सभी जीवन की आपाधापी में दौड़े जा रहे है आजकल
नतीजा विद्रोह ,संस्कारहीनता ,ब्रद्ध आश्रम खुल रहे हैं हमारे समाज में आजकल
खुद को ,परिवार को इतना समेट लिया है हमने सीमित दाएरे में अपने
बस एक दिन में पूरे साल की भरपाई कर देते हैं प्रेम की सब अपने
--रोशी         

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